तुम आसमां का केनवास खोलो मैं अपनी चुनर हवा में लहराती हूँ तुम आसमां का केनवास खोलो मैं अपनी चुनर हवा में लहराती हूँ
हथेलियों का कर्ज़ हथेलियों का कर्ज़
माँ की मीठी पुकार सच अब तो सुबह हो गई। माँ की मीठी पुकार सच अब तो सुबह हो गई।
फूलों सी दमके मेहंदी पैरों में लाल महावर सज गया सुंदर तन फूलों जैसा सुंदर मन फूलों सी दमके मेहंदी पैरों में लाल महावर सज गया सुंदर तन फूलों जैसा सुं...
लहर उठी यहाँ अभी बिखर तो जायेगी कभी, पर न जाने ठोकरों में कितनी बे-जुबान हो ! लहर उठी यहाँ अभी बिखर तो जायेगी कभी, पर न जाने ठोकरों में कितनी बे-जुबान हो !
मधुर मिलन की बेला में बिरहन शाम भी रोती है। मधुर मिलन की बेला में बिरहन शाम भी रोती है।